6 Problem Solving Steps In Hindi
जिस तरह एक पेड़ को बड़ा करके एक फलदार पेड़ बनाने के लिए पानी, हवा, धूप, मिटटी और खाद की जरूरत होती है तब ही वो पेड़ grow कर पाता है
उसी प्रकार खुद को एक फलदार पेड़ बनाने के लिए हमें बहुत सी चीजों की जरूरत होती है जैसे relation, career, peace, success, self respect, ये सभी एक इंसान के लिए सबसे जरुरी होती है।
एक इंसान अपने जीवन में किसी-न- किसी को पाने के लिए संघर्ष करता रहता है, अब वहाँ पर बहुत सी समस्याओं एंव कठिनाइयों का सामना उसको करना पड़ता है।
इस दुनिया में असल में बहुत ही कम होते है जो कि इनको पाते है बाकि के लोग इनको नहीं पा पाते है असल में क्या वजह होती है जिसकी वजह से वो ये सब नहीं हासिल कर पाते है क्योकि वो अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है।
इस दुनिया में जब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है, तब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों को मिटा नहीं सकते है।
इन सब को एक इंसान सिर्फ एक situation में ही हासिल कर सकता है वो है ” जिम्मेदारी ” असल में जिम्मेदारी एक ऐसी खाद की तरह है जो सफलता के पौधे को एक फलदार पेड़ में बदल देती है।
जिम्मेदारी क्या होती है ?
जिम्मेदारी (Responsibility) का दूसरा नाम कर्तव्य (Duty) है। जिम्मेदारी का अर्थ जवाबदेही (Accountability) है। मतलब कि मेरी life में जो भी कुछ हो रहा है वो मेरी वजह से ही हो रहा है।
किसी भी व्यक्ति या वस्तु के लिए हमारे जो कर्तव्य होते हैं, वही उस व्यक्ति या वस्तु के लिए हमारी जिम्मेदारी होती है। किसी व्यक्ति, वस्तु या घटना के लिए जो हमारी जवाबदेही होती है, वही हमारी जिम्मेदारी है।
जीवन में Responsibility का होना बहुत जरूरी है और उससे भी जरूरी है– जीवन में मिलने वाली जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाना।
प्रत्येक व्यक्ति के अंदर जिम्मेदारी स्वीकार करने की भावना (Sense of responsibility) होनी चाहिए। जिम्मेदारी एक इंसान के अंदर असल में आगे बढ़ने की हिम्मत भी पैदा करती है।
कुछ लोग कहते हैं कि हमारे पास बहुत सी जिम्मेदारियां हैं और परेशान होने लगते हैं। उन लोगों को यह समझ लेना चाहिए Responsibilities उसी को ज्यादा मिलती हैं जो इसे सही से निभा सकता है।
हम आपके साथ कुछ ऐसी जिम्मेदारी share करने वाले है जी कि हर एक इंसान को अपने लिए लेनी ही चाहिए। (you have these Responsibility)
खुद के प्रति जिम्मेदारी (Self Responsibility) :-
ये हर इंसान के लिए सबसे जरुरी और सबसे पहले लेने वाली जिम्मेदारी होती है, इसको जितना जल्दी हो सके, हमको अपने जीवन में उतार लेना चाहिए।
कुछ लोग इस जिम्मेदारी को सबसे बाद में रखते हैं लेकिन मेरे अनुसार खुद के लिए जिम्मेदारी निभाना सबसे जरूरी है क्योकि जब हम स्वयं के प्रति जिम्मेदारी नहीं निभा पायेंगे तो परिवार, समाज और देश के लिए जिम्मेदारी भी नहीं उठा सकते।
मान लीजिये कि आप एक teacher बनना चाहते हैं तो आप ऐसा ऐसा मत सोचिये कि “मैं एक teacher बनूँगा” बल्कि यह सोचिये कि “मैं अपने परिवार को या समाज को या देश को एक teacher दूंगा।”
ऐसा सोचने से जिम्मेदारी की भावना (Feeling of responsibility) बढ़ जाती है और आप अधिक जिम्मेदारी से कार्य (Work) करने लगते हैं।
अपनी गलती को स्वीकार करे :-
हर कोई गलती करता है लेकिन लोग ग़लतियाँ स्वीकार करने में शर्म महसूस करते हैं। अगर आप अपने काम के प्रति, अपने आसपास के लोगों के प्रति और अपने खुद के प्रति ईमानदार हैं तो आपको गलती स्वीकारने से डरना नहीं चाहिए। यह बहुत सारी समस्याओं को दूर कर सकता है।
हो सकता है कि उसी वक्त अपनी गलती मानना कठिन होता हो क्योंकि अपनी गलती मानने में बहुत साहस की जरूरत पड़ती हैं। लेकिन गलती स्वीकार करना आपको भविष्य के किसी नुकसान से बचा सकता है। गलती स्वीकारने की भी एक कला होती है जिसे आपको जरूर सीखना चाहिए।
अगर हम अपनी गलती को स्वीकार कर सकते है तो इसका मतलब है कि हम अपनी जिम्मेदारी को समझ पा रहे है, ये चीज़ ही इंसान को जीवन में बेहतर बनाती है।
आपको झूठ बोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी :-
हम जानते हैं कि एक गलती को छुपाने के लिए अपने को बहुत सारे झूठ बोलने पड़ते हैं। लेकिन जब गलती स्वीकार कर लोगे तो फिर झूठ बोलने की क्या जरूरत। गलती स्वीकारने का यह सबसे बड़ा फायदा हैं और गलती स्वीकारने में आपको इतनी परेशानी नहीं होगी जितनी गलती छुपाने से हो सकती है।
इस तरह से जब आप करते है तो सामने वाले के प्रति आपका समय के साथ विश्वास बढ़ता ही चला जाता है। आप गलती स्वीकार करोगे तो आपको यह याद रखने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी कि आपने किस जगह, कौनसा झूठ बोला था।
जिम्मेदार इंसान समस्याओं एंव कठिनाइयों का सामना डट कर करते है :-
आप किसी भी चैलेंज का किस तरह से सामना करते हैं, ये अक्सर ही आपकी सफलता और खुशी का राज़ खोलता है। और वो ही आपको धैर्यवान बनाता है।
अगर आप भी किसी समस्या के हल को ढूँढने में अटके हुए हैं, तो पहले इसे समझने की और इसे छोटे-छोटे भागों में बांटने की कोशिश करें। तय करें, कि उस समस्या को logically सुलझाना है या फिर आप पहले ये सोचना चाहते हैं, कि इसका परिणाम आप पर कैसा प्रभाव डालेगा। लोगों के साथ मिलकर और आपकी समस्या के लिए एक अलग ही नजरिया अपनाकर आपकी समस्या को सुलझाने के क्रिएटिव रास्तों की तलाश करें।
जिम्मेदारी इंसान को धैर्यवान बनाती है :-
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि समय और परिस्थितियां हमेशा एक जैसी नहीं होती है। हर व्यक्ति के जीवन में कभी अच्छा समय आता है, तो कभी बुरे दौर से उसे गुजरना पड़ता है। लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों में सही निर्णय लेने वाला व्यक्ति ही सफलता की ओर अग्रसर होता है।
जो व्यक्ति ऐसे समय में अपने को नहीं संभाल पाता उसे विफलता हाथ लगती है। अगर गंभीरता से विचार करें तो प्रतिकूल परिस्थितियों में व्यक्ति के अंदर सबसे पहले घबराहट उत्पन्न होता है और उसका धैर्य जवाब देने लगता है। और ऐसी स्थिति में वह जो भी निर्णय लेता है, उसमें से अधिकांश गलत साबित होते हैं। इसलिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने धैर्य को बनाए रखना।
- अपनी जिम्मेदारियों का एहसास (Realization of Responsibilities) प्रत्येक व्यक्ति को होना चाहिए। ऐसा करने से बहुत से फायदे (Profits) होते हैं–
- जिम्मेदारी (Responsibility) स्वीकार करने से समझदारी (Understanding) बढ़ती है। जिससे आपकी naturally growth होती रहती है।
- जिम्मेदारी स्वीकार करने से आपकी परिपक्वता (Maturity) बढ़ती है। जिससे आप किसी भी समय decision ले सकते हो।
- जिम्मेदारी स्वीकार करने से जीवन में सफलता (Success in life) मिलती है।
- जिम्मेदारी स्वीकार करने से हमारा आंतरिक और बाहरी, दोनों प्रकार का विकास (Internal and external development) होता है। जो कि सबसे जरुरी होता है।
- जिम्मेदारी स्वीकार करने से लोग आपको पसंद (Like) करते हैं और आप लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत (Source of inspiration) बन जाते हैं।
जिम्मेदारी आपके अंदर एक self respect पैदा करती है जिसकी वजह से आप समय के साथ बेहतर से बेहतरीन होते ही चले जाते है, अगर इंसान के पास जीने की कोई वजह होती है तो ही इंसान असल में अपनी life को अच्छे से जी पाता है।