धन(Money) एक ऐसी चीज़ है जिससे सब कुछ ख़रीदा जा सकता है सिवा खुशी के क्योंकि पैसा मूल्यवान वित्तीय संपत्ति या भौतिक संपत्ति की बहुतायत है जिसे एक ऐसे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है जिसे लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आज के टाइम में लोगो के लिए पैसा ही सब कुछ है उनके लिए ख़ुशी कोई मनाये नहीं रखती बस पैसा कामना हैं , चाहिए कैसे भी मिले इसके लिए कोई भी काम करना पड़े अच्छा या बुरा।
धन भी कई प्रकार से कमाया जा सकता है अच्छा काम करके , बुरा काम करके, अच्छाई से और बुराई से और धोखे से , छल और कपट से।
हम आपसे एक सवाल करते है आप धन के साथ क्या करते हो ? जो आपने अपने जीवन में खुद से कमाया है उस धन का इस्तेमाल कैसे किया अच्छे काम या बुरे काम में , आपने धन का इस्तेमाल दान में करते हो या अपनी भैतिक सुख-सुविधा पूरी करने में इस्तेमाल किया या फिर दूसरे की मदद करने में किया अपने शॉक पूरे करने में, शराब पीने या जुआ खेलने में किया हैं
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धन का सही इस्तेमाल दान करने में सबसे अच्छा है ???
आचार्य चाणक्य का कहना हैं कि हमारे द्वारा कमाए गए धन का उपभोग करना या व्यय करना ही धन की रक्षा के समान है। इसी प्रकार किसी तालाब या बर्तन में भरा हुआ पानी उपयोग न किया जाए तो सड़ जाता है। ठीक उसी पर अगर अपने धन कमाया और उसका सही उपयोग नहीं किया था वह कमाया धन बेकार है आपके लिए उसी प्रकार धन उपयोग किया जाना चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति धन या पैसा कमाता है तो उसका सदुपयोग करना चाहिए। काफी लोग धन को अत्यधिक संग्रहित करके रखते हैं, उसका उपयोग नहीं करते हैं। जरूरत से ज्यादा पैसा बचाना अनुचित है। इसलिए धन का दान करना चाहिए। सही कामों में पैसा निवेश करना चाहिए। यही धन की रक्षा के समान है। यदि कोई व्यक्ति दिन-रात मेहनत करके पैसा कमाता है और उसका उपभोग नहीं करता है तो ऐसे पैसों का लाभ क्या है। हमेशा पैसों का सदुपयोग करते रहना चाहिए।
चाणक्य जी का कहना है कि धन का हर इंसान के जीवन में एक अलग महत्व होता है किसको तो धन से बहुत प्यार होता है और किसको नाम के लिए धन कामना होता है हर किसकी इंसान को धन को लेकर अलग सोच है ।
धन को लेकर चाणक्य की ये 10 बातें आपको जरूर जाननी चाहिए
धन की बचत
इंसान को बुरे वक़त के लिए धन को save करके रखना चाहिए क्या पता उस धन का इस्तेमाल उसे अपनी महिला की रक्षा के लिए करना पड़ सकता है भले ही उसको अपने बचत के सारे पैसे भी खर्च करने पड़े।
धन से मिलता सम्मान
धन आपको समाज में मान-सम्मान दिलाता है आपको आपदाओं से जुझने में समर्थ बनाता है
समृद्ध जगह पर रहें
ऐसे देश या क्षेत्र ,जगह, रोजगार, इज्जत,शिक्षा आदि न मिले उस जगह पर इंसान को एक दिन भी नहीं रुकना चाहिए
धन से परीक्षा
अपनी पत्नी की परीक्षा धन-संपत्ति खोने के बाद करें, दोस्त को आवश्यकता के समय, और नौकर को महत्वपूर्ण कार्य देने के बाद परखें। ईमानदारी सच्चे दोस्त की सही पहचान है।
धन का मोह नहीं
जिस धन को कमाने के लिए अपने इतनी मेहनत की हो उस धन से कभी मोह नहीं करना चाहिए क्योंकि वह धन आज है आपके पास कल नहीं है
धनवान और मोक्ष
जिस व्यक्ति को न ही भगवान में आस्था, और न ही धन का कोई लालच है उसको कभी मोक्ष नहीं मिलता है वह व्यक्ति जन्म और मरण के चक्र में फंसा रहता है।
गरीबी एक रोग है
इंसान का गरीब होना बहुत बड़ी बात है यह एक प्रकार का रोग है
अत्यधिक दान से नुकसान
अत्यधिक सुंदरता के कारण सीता का अपहरण हुआ, अति घमंड की वजह से रावण मारा गया और अत्यंत दानवीरता की वजह से बाली को बहुत कष्ट हुआ। इसलिए दान हमेशा अपनी सीमा में रहकर करना चाहिए
कला, दान-पुण्य ही सबसे बड़ा धन
ऐसी जगह पर नहीं जाना चाहिए जहाँ कला की कदर न हो और दान-पुण्य करना ही सबसे बड़ा धरम है लोगो में दान-पुण्य की भावना बहुत ही कम हो गयी है इसलिए कला का वास् नहीं होता
धन लक्ष्य है
वह व्यक्ति जो अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं कर सकता है वह कभी विजयी नहीं हो सकता है। अपनी योजनाओं और लक्ष्य को किसी भी व्यक्ति से शेयर नहीं करना चाहिए। और जो आपका लक्ष्य है उस पर ध्यान देना चाहिए
इस हमे यह प्रेरणा मिलती है कि धन का इस्तेमाल सही जगह और सही बात के लिए करना चाहिए और धन का ज्यादा से ज्यादा दान-पुण्य करना चाहिए क्योंकि आगे दान-पुण्य किया ही काम आता है।
याद रखे, जिंदगी में पैसा उतना ही चाहिए होता हैं जितना कार में पेट्रोल न कम,न ज्यादा
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