Focus on Yourself in Hindi
आप कैसे दिखेंगे इस पर ध्यान न देने से, आप और भी आकर्षक लगेंगे, इसको हम एक कहानी के माध्यम से समझते है।
ये कहानी है एक महिला, जो रोज़ मंदिर जाती थी,उसका रोज़ का Daily Routine था, वो मंदिर ज़रूर जाती थी,वो अपने शहर में रहे या गाँव चली जाये या फिर विदेश, वो रोज़ाना किसी न किसी मंदिर ज़रूर जाती थी।
अपने शहर के जिस मंदिर में वो जाती थी, एक दिन जब वो मंदिर में गई तो उसने देखा, काफ़ी कुछ ग़लत हो रहा है, उससे रहा नही गया, वो तुरंत पंडित जी के पास गई और बोली।
पंडित जी मेरी एक समस्या है । उसका समाधान कीजिए, पंडित जी ने कहा बताइए क्या बात हो गई, हमसे कोई ग़लती हो गई, क्या किसी ने आपको कुछ कह दिया।
तो महिला ने कहा- मुझसे किसी ने कुछ नही कहा, लेकिन मैं यहाँ आकर देखती हूँ कि यहाँ चल क्या रहा है। यहाँ सब नाटक चल रहा है।
पंडित जी ने चौंकते हुए पूछा आख़िर क्या हुआ, थोड़ा साफ़ साफ़ बताइए। उस महिला ने कहा- यहाँ जितने लोग आ रहे है। वो यहाँ आकर सिर्फ़ नौटंकी कर रहे है,क्योंकि वो आधे से ज़्यादा समय मोबाइल चला रहे होते है।
भगवान का video बना रहे होते है, भगवान की फ़ोटो खींच रहे होते है। मंदिर की फ़ोटो खींच रहे होते है, भक्ति में तो लीन होते ही नही, वो यहाँ सिर्फ़ दिखावा करने के लिए आते है, कि हम मंदिर दर्शन करने आए है। कुछ लोग यह गप-शप कर रहे होते है।
कोई बहु की बुराई, कोई सास की बुराई, अपने करियर की बातें, Politics की बातें,यही सब चल रहा होता है है। यहाँ भक्ति कम होती है और दिखावा ज़्यादा होता है।
महिला अपनी शिकायत किए जा रही थी, पंडित जी ध्यान से सुन रहे थे, उंनकी बात पूरी होने के बाद, पंडित जी बोले एक काम कीजिए। कल आपको आपकी सारी समस्या का समाधान मिल जाएगा।
पहला काम – आप कल मंदिर पैदल आइएगा, आप किसी साधन या वाहन से मत आना,दूसरा काम अपने घर से एक लौटे (जल चढ़ाने वाला बर्तन) में जल भरकर लाइएगा, पूरा जल से भर लेना, ध्यान रखना उसमें से पानी ज़रा भी गिर न जाए।
मंदिर पहुँचने के बाद, उस लौटे के साथ, आप मंदिर की तीन बार परिक्रमा कर लेना,उसके बाद मैं आपको आपकी समस्या का समाधान दे दूँगा, महिला को जो कहा गया था। अगले दिन वैसे ही किया गया।
महिला घर से पैदल मंदिर तक आयी, हाथ में लौटा लिए,मंदिर की तीन बार परिक्रमा भी की और इस बात का ध्यान भी रखा कि लौटे में से पानी न गिर जाए। वो भरा हुआ था ।
सब कुछ होने के बाद, वो महिला पंडित जी के पास गई। पंडित जी से कहा- मुझे अब बताइए, जैसे आपने कहा था, मैंने वैसे किया, अब मुझे मेरी समस्या का हल बताइए, क्यों सब लोग नौटंकी करते है। भक्ति को क्यों नही समझते है।
पंडित जी ने कहा- मेरे कुछ सवालों है उनका पहले जवाब दीजिए,जब आज आप घर से पैदल मंदिर तक आए,क्या आज आपने किसी को गप-शप करते देखा,क्या आज आपने किसी को मोबाइल चलाते, या किसी को नौटंकी करते देखा, तो महिला ने कहा नही, आज तो मैंने इतना ध्यान नही दिया।
पंडित जी ने कहा- आज आपका सारा ध्यान लौटे पर था,जो चीज़ें मैंने बताई थी करने के लिए, उन पर था, लौटे में से पानी न गिर जाए, उस पर था।
आपको उस लौटे के साथ मंदिर की तीन बार परिक्रमा करनी है, उस पर था, आपका सारा ध्यान ख़ुद अपनी भक्ति पर था।
आपके आसपास की दुनिया आपकी आँखों की समझ से ग़ायब हो गई थी,इसलिए आप ने आज पाखंड नही देखा। उस महिला की समझ में आ गया कि पंडित जी क्या समझाना चाहते है।
दुनिया में अगर आप सफलता चाहते हो तो एकाग्रता ही वो चाबी है। जो सफलता के ताले को खोल सकती है।
ये असल में हमको ये बताती है कि हम हमेशा अपने बाहरी looks में ही फ़से रहते है कभी भी जो हम actual में अंदर से होते है उसको नहीं जान पाते है, इसी वजह से हम अपने जीवन में कुछ बड़ा नहीं कर पाते है।]
खुद के ऊपर फोकस करो :-
फोकस एक निरंतर अवधि (time period) के लिए, एक विशेष कार्य, वस्तु, या गतिविधि पर अपना ध्यान और ऊर्जा (Energy) केंद्र की क्षमता है।
अगर आपका फोकस किसी छोटे कार्य पर है तो यह थोड़ा आसान होता है जबकि लंबे या बड़े कार्य को पूर्ण करने में ज़्यादा मेहनत, समय, Positive thinking की ज़रूरत पड़ती है।
सबसे पहले आपको यह निश्चित करना होगा, कि आपके लिए सबसे जरुरी क्या हैं, इसको निर्धारित करनें में शायद आपको कुछ समय अवश्य लगें, इसके लिए आप एक लिस्ट बनाये, उस लिस्ट में आप अपनी प्राथमिकता के अनुसार उन सभी लक्ष्यों का चयन करे।
इस कार्य में आप को कुछ ही समय लगेगा, लेकिन उसके बाद आपका सबसे आवश्यक लक्ष्य निर्धारित हो जायेगा | अब आप उस लक्ष्य को कितनी तत्परता के साथ प्राप्त करना चाहते हैं, यह आप को निर्धारित करना हैं, अब आप उस लक्ष्य को प्राप्त करनें हेतु योजना का निर्माण करे |
फोकस को आप इस तरह से समझ सकते है, कि जब हम बचपन में लेंस का प्रयोग किया करते थे, उस समय क्या क्रिया होती थी ? जिससें कागज जलनें लगता था।
ज़िन्दगी में हम जो चाहते हैं उसके ना मिलनें की एक ही वजह है- हमारा उन कारणों के बारे में सोचना कि हम वो चीजें क्यों नहीं पा सकते”
इस क्रिया को समझने का प्रयास करते है, सूर्य से प्राप्त किरणें सब इधर-उधर होती है और लेंस उन किरणों को एकत्र करके एक ही बिंदु से निष्काषित करता है, जिसके फलस्वरूप सभी किरणों की क्षमता में अत्यधिक वृद्धि होती हैं, जिसके कारण कागज जलनें लगता है, इसी प्रकार यदि हम अपनें लक्ष्य को प्राप्त करनें में अपनी सम्पूर्ण क्षमता का प्रयोग करे तो हमको सफलता अवश्य प्राप्त होगी |
फोकस इस दुनिया के सभी लक्ष्यों को संभव बनाता हैं, यदि लक्ष्य पर आपका फोकस रहेगा, तो लक्ष्य के मार्ग में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान स्वयं ही निकल आएगा।
लक्ष्य को प्राप्त करनें में थोड़ी परेशानी जरुर हो सकती हैं, परन्तु सफलता आपको अवश्य प्राप्त होगी | फोकस आपको केवल यह नहीं बताता हैं, कि क्या करना हैं, बल्कि यह भी बताता हैं, कि क्या नहीं करना हैं, जिससे आप व्यर्थ के कार्यो से बच सकेंगे |
जीवन में आगे बढ़ने के लिए ये जरुरी नहीं कि आप क्या करते हो बल्कि ये जरुरी होता है कि आप क्या-क्या छोड़ते हो, बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है, तभी आप आगे बढ़ सकते हो।
किसी भी लक्ष्य पर फोकस रहना एक आसान काम नहीं होता हैं, इसकी हमको आदत बनानी पड़ती है, और हमको मोटिवेशन की भी जरुरत होती हैं | मोटिवेशन के द्वारा हम अपनें लक्ष्य पर वापस से फोकस कर पाते हैं, इसके लिए लक्ष्य को आप कुछ छोटे –छोटे हिस्सों में विभाजित कर सकते हैं, जिसके माध्यम से आप उस बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकतें हैं।
सबसे जरुरी बात हैं, कि आप उस लक्ष्य पर कितनी देर तक फोकस रख पाते हैं, उस समय को कही पर नोट कर ले, अब कोई मोटिवेशन वीडियो या स्पीच सुननें के बाद दोबारा आप कितनें समय के लिए आप फोकस कर पाते हैं, अब आप पिछले समय से तुलना करके देख सकते हैं, इसी प्रकार यदि आप अधिक समय तक फोकस रख पाते हैं, तो आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी |
“समय सीमा के साथ देखा गया एक सपना है ”