Game Is Life In Hindi
विलियम शेक्सपियर ने कहा था कि जिंदगी एक रंगमंच है और हम लोग इस रंगमंच के कलाकार ! सभी लोग जीवन को अपने- अपने नजरिये से देखते है | कोई कहता है जीवन एक खेल है,कोई कहता है जीवन ईश्वर का दिया हुआ उपहार है,कोई कहता है जीवन एक यात्रा है,कोई कहता है जीवन एक दौड़ है और बहुत कुछ है।
मनुष्य का जीवन एक प्रकार का खेल है और मनुष्य इस खेल का मुख्य खिलाडी, यह खेल मनुष्य को हर पल खेलना पड़ता है,इस खेल में हर समय एक नयी ball आती रहती है, इस खेल में पीछे कोई wicket नहीं होता है, एक इंसान को कोई भी out नहीं कर सकता है, जब तक कि वो खुद न चाहता हो।
चाहे खुश होकर खेले या दुखी होकर… जब खेलना ही है हर हाल में तो खुश होकर खेलो यार, एक मनुष्य को दिन में 50,000 विचार आते है यानि हर पल मनुष्य एक नए दोस्त या दुश्मन का सामना करता है। मनुष्य का जीवन विचारों के चयन का एक खेल है|
मनुष्य को विचारों के चयन में बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि मनुष्य के दुश्मन, मनुष्य को ललचाते है और मनुष्य को लगता है कि वही उसके दोस्त है|
जो लोग इस खेल को खेलना सीख जाते है वे सफल हो जाते है और जो लोग इस खेल को समझ नहीं पाते वे बर्बाद हो जाते है।
जिंदगी एक खेल है यदि तुम इसे खिलाड़ी की तरह
खेलते हो तो जीत सकते हो लेकिन यदि दर्शक की तरह
देखते हो तो सिर्फ ताली बजा सकते हो या दुखी हो सकते हो
पर कभी जीत नहीं सकते !!
जीवन क्या है ?
जीवन एक ऐसी यात्रा है जिसमें आप चालक होते हैं, लेकिन आपको यह ज्ञात नहीं रहता कल क्या होगा”अनुभव, परिवार, दोस्तों, कठिनाइयों के बीच यात्रा करने के लिए कवच हैं।
आप निश्चित रूप से बहुत सारी खुशियों, निराशाओं, सफलता, असफलता, उतार चढ़ाव , स्वार्थी लोगों, सच्चे दोस्तों का सामना करेंगे। अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता का निस्वार्थ समर्पण देखेंगे, कभी-कभी आप उस स्थिति में फंस जाएंगे जहां आपको जीवन में दृढ़ निर्णय लेने होंगे, एक ऐसी यात्रा पूरी तरह से आपके मीठे और कड़वे अनुभव पर निर्भर करती है।
क्या कभी आपने कभी किसी गरीब बच्चे से पूछने की कोशिश की है कि उसकी परिस्थिति का ज़िम्मेदार वो है या उसकी किस्मत, क्या वो अच्छी ज़िन्दगी नहीं जीना चाहता लेकिन वो मज़बूर है परिस्थितियों की वजह से, हो सकता है उसके पास आपसे बहुत ज़्यादा talent हो लेकिन आप भाग्यशाली है , स्वयं पे नियंत्रण रखना और संसाधनों को अच्छे से प्रयोग करके आप बहुत कुछ कर सकते हैं, “सफलता कभी भी आराम से नहीं मिलती है।”
हम सभी एक दिन मौत से मिलेंगे लेकिन हमने ज़िन्दगी कैसे जिया ये महत्वपूर्ण रहेगा, ज़िन्दगी के रंगों का आनंद कैसे लिया, एक खुशाल और सुन्दर ज़िन्दगी के लिए आपको कड़ी मेहनतव करनी पड़ेगी।
ज़िन्दगी को ख़ुशी से जीयें।
यात्रा करे , प्रकृति के साथ समय व्यतीत करें, अपने आप को समय दे , ज़िन्दगी में खुशियों और ग़मों का संतुलन बनाये रखे, ज़िन्दगी कभी भी सरल नहीं होगी, हमेशा परेशानिया आएँगी आप उन परेशानियों पर किस प्रकार विजय प्राप्त करते है, बिना मुश्किलों की ज़िन्दगी नहीं होती है।
किसी की भी परिभाषा स्वीकार न करे अपने ज़िन्दगी की परिभाषा स्वयं बनाये क्यूंकि हर इंसान एक बराबर नहीं होता है जिस प्रकार हमारे हाथों की सारी उंगलिया एक समान नहीं होती है।
सामान्यतः जिसे हम जीवन समझते है वो तो मृत्यु की ओर बढ़ रहा है। वास्तविक जीवन तो मानव सोंच से परे है।
हम सभी के मन में अकसर ये सवाल रहता है कि इस जीवन को कैसे जिया जाये, हम ऐसा क्या करें कि हमारा जीवन शानदार हो, उज्जवल हो आदि, तमाम प्रकार की उलझने, चिंताएं, अनगिनत नकारत्मक विचार, और न जाने क्या क्या, और इसी तरह हम अपने वर्तमान को दिशा विहीन रहते हुए किसी तरह जीते चले जाते हैं, परन्तु यह एक मात्र व्यक्ति विशेष के लिए व्यक्तिगत एक स्थिति हो सकती है।
सभी के साथ ऐसा नहीं है, कुछ लोग तो अपने जीवन को पूरी शिद्दत से जीते हैं, हाँ वाकई मैंने देखा है कई ऐसे लोगो को अपना जीवन जीते हुए जिनको कोई शिकायत है ही नहीं अपने जीवन से। संक्षिप्त में समझा जाये तो जीवन की वास्तविक सच्चाई हमारे मानसिक स्तर पर निर्भर है अर्थात हमारी और आपकी सोंचने की कला जितनी बेहतर होगी जितनी शानदार होगी, जितनी साफ़ होगी, जितनी स्वतंत्र होगी जीवन उतना बेहतर होगा, स्थिति चाहे जैसी हो।
जीवन Life समय पर निर्भर है जो कई छोटे छोटे पलो से मिलकर बनता चला जाता है। एक समय पर जीवन शुरु होता है और कुछ समय व्यतीत होने के बाद एक समय पर जीवन ख़त्म हो जाता है तो जीवन के दो समय एक शुरुआत और एक अंत हैं। हमारे या किसी भी जीवप्राणी के पास जीवन के ये दो समय पहलू नियंत्रण में नहीं है और न ही इसको आजतक कोई नियंत्रित कर सका है।
किसी भी जीव प्राणी का वह समय जब वह इस जगत में आता और एक वह समय जब वह इस जगत से जाता है दोनों ही स्वतः होते हैं कम शब्दों में कहें तो इस जगत में आना और इस जगत से जाना हमारे बस में नहीं है। परन्तु इन दो पहलुवों के बीच का जो समय है उसमे हमारा पूरा नियंत्रण है पूरा अधिकार है अपने जीवन को जीने का जो हमें मिला है हम इसमें वो सब कर सकते हैं जो हम करना चाहें।
व्यक्ति को कैसा जीवन जीना चाहिए ?
जीवन शब्द में अनंत अर्थ हैं क्योंकि इस ब्रम्हांड में मनुष्य के साथ साथ बाकी जीवों के जीवन भी मौजूद हैं जिनके अर्थ उनके जीवन के अनुसार हैं और वो जीव अपने जीवन को समझ सकते हैं अपनी मन भावना के चलते। इससे हम कह सकते इस पृथ्वी पर जितने जीव हैं सभी के लिए जीवन के अर्थ अलग अलग हो सकते हैं।
यदि हम जीवन के सच से परिचित हो गए, तो हमारी खोज खत्म हो जाएगी। और हमें जीवन का पूरा चक्र पता हो जाएगा कि जीवन क्या है ? उसके बाद क्या होगा ? क्योंकि जीवन क्या है ? हमको पता चल गया है तब क्या हम अच्छे से जीने लगेंगे ?
शायद नहीं तब भी हम वैसे ही जियेंगे जैसे वर्तमान में जी रहे हैं बल्कि जब हमें हमारे पूरे जीवन के बारे में पहले से पता चल जायेगा तो जीवन के प्रति व्यवहार बदल जायेगा, जीवन के प्रति हमारा नजरिया पूरी तरह से ही बदल जाता है।
जिंदगी एक लम्बी यात्रा है । जिसपर चलने पर उतार-चढ़ाव का अनुभव होता है ।
जिंदगी एक जंग है। जिसे जीतने के लिये पूरे मन से लड़ते रहो और जिंदगी एक कर्तव्य है।
इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को दूसरों और समाज के प्रति सभी कर्तव्य का पालन करना चाहिये।
जीवन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए अपनी सोच में परिवर्तन की जरूरत है फिर हर एक मुश्किल आसान हो जाएगी।
अक्सर हम अपनी जिंदगी को आसान बनाने के लिए तरह तरह के प्रयास करते हैं।लेकिन सही दिशा में प्रयास नही होने की वजह से जिंदगी आसान होने की वजह मुश्किल होती चली जाती हैं।
अपने दिमाग को शुरू से ही हर चीज में अच्छा ढूंढने के लिए प्रेरित करें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना आपके हाथ में जिंदगी में खुशहाली आपके विचारों के मुहूर्त में गुणवत्ता पर निर्भर करती है इसलिए हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कान रखें।