Good Thoughts For Success Life In Hindi
एक बार दो लड़के interview के लिए गए थे तो उनमे से एक जो की बहुत ही ज्यादा परेशान था, वो सोच रहा रहा था कि पता नहीं क्या होगा, होगा भी या नहीं और दूसरी तरफ जो दूसरा लड़का था वो सोच रहा था होगा तो ठीक है वर्ना आगे ऐसे बहुत मौके मिलेंगे, इससे पता चलता है कि दोनों क्या सोच रहे थ एक अपने ही विचारो में फ़स रहा था और दूसरा जिसको होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
अब एक चीज़ जो हमको बुरी तरह से फसाती है जब भी हम कोई काम या खेल को जितने के लिए करते है तो उसमे हारने के chance बहुत ही ज्यादा बढ़ जाते है और हम खेल रहे है सिर्फ मजे के लिए तो हमको कोई हराने का तरीका ही नहीं है अगर skill level बराबर है तो अगर skill level बराबर नहीं है तो उसकी तो बात ही नहीं हो रही है
तो हम बात कर रहे है कि एक ही college से दो लड़के निकले और एक जो बहुत डरा हुआ है और दूसरा जिसको कोई फर्क ही नहीं पड़ता है तो हम यहाँ पर डर के cause तक जा रहे है तो इस डर में सबसे बड़ी समस्या ये आयेगी की जो हमारी actual capability होती है हम उस हिसाब से act नहीं कर पाते है क्योकि जितना हम success के बारे में सोचेगे उतना ही हमारे अंदर डर भी पैदा हो जायेगा वो न होने का डर तो इनमे से दूसरा ये सोच रहा था कि अगर न होगा तो कोई फर्क नहीं पड़ता अगर हो गया तो ये थोड़ी है की पूरी जिंदगी यही पर निकालनी है।
अगर आपको process में मजा आ रहा है तो कोई परेशानी नहीं है फिर आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है और सिर्फ आप कोई काम कर रहे हो outcome के लिए तो आप उसमे डरे ही रहोगे।
आपको वो job लग भी गयी तो उसको खोने का डर आ जायेगा वहाँ पर जो उससे ऊपर के लोग होंगे वो उसको जो कहेगे करने के लिए वो ही आपको करना पड़ेगा, अगर आप मना करेगे तो वहाँ से निकालने का डर होगा तो आप डर में ही जी रहे होंगे।
कुछ भी काम जो हम कर रहे होते है या तो हम उसको overconfidence होकर करते है या फिर under confidence में करते है तो हमको इन दोनों को ही छोड़ देना होता है तो अब करे क्या ?
अगर हम जो भी काम कर रहे होते है उससे related हम कुछ भी अपने आप को बोल रहे होते है तो उस काम को ज्यादा सही तरह से कर पाते है क्योकि ये बोलना ही सोचना है और हम अपने आप जो जैसा अंदर बोलते है वैसे ही हम बन जाते है तो हमको अपने अंदर क्या बोलना है वो सबसे बड़ी चीज़ होती है।
हमारे अंदर पुरे दिन में पता नहीं कितने विचार आते है हम उन विचारो को तो रोक नहीं सकते है वो हमारे control में नहीं है लेकिन हम किस बात को मानते है वो पूरी तरह हमारे control में है।
अगर मान लो कोई भी खेल चल रहा है अगर यदि हम उस खेल से related कुछ भी बोल रहे होते है या फिर कर रहे होते है और दूसरी तरफ खेलते -खेलते हमारा ध्यान trophy की तरफ जाये तो हमारे जितने के chance बहुत ही कम होते है तो सारा खेल बोलने का है इसलिए जरुरी ये नहीं है कि हम क्या कर रहे है जरुरी ये है कि हम जो कर रहे है उस के बारे में या उस से related कुछ बोल रहे है या नहीं |
बड़ी सोच इंसान को बड़ा बनाती है :-
इंसान के दिमाग में कितनी शक्ति है, जिसने इसे जान लिया वह अपने जीवन में बड़ी से बड़ी उपलब्धि पा सकता है क्योंकि इस संसार में जो भी प्रकृति द्वारा निर्मित चीजें हैं वो सब कुछ मानव की सुविधा के लिए ही निर्मित की गयी हैं। इसके बावजूद अगर मानव किसी चीज को पाने में असमर्थ है तो यह मानव की अपनी सीमित सोच का नतीजा है।
क्या आपको पता है हमारे जीवन में हमारे द्वारा बोले गए शब्द कितने जरुरी होतें हैं ? दोस्तों हमारे शब्द हमे बड़ा सोचने में भी बहुत मदद करते हैं। क्यूंकि हम जो भी बोलते है, वह हमारे SUBCONSCIOUS MIND में FEED हो जाता है। बड़ा सोचने के लिए आपको खुद को हर समय सकारात्मक शब्द बोलने होते हैं।
बहुत सारे लोग अपने विचारों से लड़ते रहते हैं। ऐसे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता हैं। क्यूंकि हमे अपने दिमाग में आने वाले विचारों को समझना पड़ता है। सफल लोग वह होते हैं। जिनको अपने दिमाग को पढ़ना आता हो। हमारे अवचेतन मन में अविश्वसनीय शक्तियां है।
अगर हम बात करे तो विचारों की श्रृंखला को सोच कहते हैं ।अर्थात पहली बार मन में सिर्फ एक विचार आता है ।उस विचार से जुड़े नए विचार जुड़ते चले जाते हैं ।
इस तरह विचारों की श्रृंखला बन जाती है ।जो आखिरकार उसकी विचार के अनुकूल होता है, जिसे सोच कहते हैं। सोच positive भी हो सकती है और negative भी हो सकता है ।अब आप पर निर्भर करता है किसे स्वीकार करें ।जैसी सोच वैसा कर्म ।जैसा कर्म वैसा भाग्य, सब कुछ आपके हाथ में है ।
असल में कोई भी विचार positive या फिर negative नहीं होता है बल्कि हम ही उसी level लगाते है, जो कि हमारी thinking से connected होती है।
इंसान की सोच बड़ी होनी चाहिए :-
जब सफलता व्यक्ति की सोच पर निर्भर करती है तो स्वाभाविक है कि बडी सफलता के लिए सोच का बडा होना आवश्यक है। हमारे mind को छोटा सोचने की आदत पडी हुई है।
जिस प्रकार दो सौ, पाँच सौ रुपए कमाने की सोच रखकर करोड रुपये नहीं कमाये जा सकते। करोड रुपये कमाने के लिए करोडों कमाने की सोच का होना जरूरी है। लेकिन शुरुआत छोटे से कर सकते हैं। उसी प्रकार अपने-अपने क्षेत्र के सर्वोच्चता और विशेषज्ञता हासिल करने के लिए बडी सोच का होना बहुत जरूरी है।
अमीर आदमी, अमीर क्यों है क्योंकि वह अमीर की तरह सोचता है गरीब आदमी, गरीब क्यों है, क्योंकि वह गरीब को तरह ही सोचता है। यदि अमीर आदमी, गरीब की तरह सोचने लग जायेगा तो वह भी गरीब बन जायेगा। इसके विपरीत यह भी सही है कि यदि गरीब आदमी अमीर की तरह सोचने लग जायेगा तो वह भी अमीर बन सकता है। ये सारा खेल ही सोच का है।
एक इंसान की सोच बड़ी क्यों होनी चाहिए ?
किसी भी इंसान का आगे बढना उसकी सोच पर निर्भर करता है, जब तक वह कुछ बड़ा नहीं सोचेगा वह कभी आगे नहीं बढ़ पायेगा | सोच ही इंसान को आगे ले जाती है।
जब किसी इंसान पर मुसीबत आती हे या किसी प्रकार के कर्जे की टेंशन होती है तो वह अपने खर्चे कम करने लगता है या अपने शौक को मारकर बचत करने लगता है लेकिन, कर्जा कभी कम नहीं होता | परन्तु उसके आगे बढ़ने के रास्ते जरूर बंद हो जाते है।
इस स्थिति में इंसान को खर्चे कम न करते हुए कमाई के नए सोर्स खोजने चाहिए। यह करना थोडा कठिन होता है पर नामुमकीन नहीं | अगर आप यह कर जाते है हे तो जिन्दगी में कभी भी आप नीचे नहीं आयेंगे।
छोटी सोच लेकर आप व्यक्तिगत तौर पर कभी भी free अनुभव नहीं कर पाएगे।
बड़ी सोच रखकर आप खुद को गौरवान्वित और अद्वितीय महसूस करा सकते हैं ।
और समय के साथ अपनी सोच को अपडेट अवश्य करते रहे। समय के साथ चलना बहुत आवश्यक है ।