इस दुनिया का परम सत्य है कि इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है समय के साथ-साथ। इस दुनिया की छोटी से छोटी चीज़ से लेकर बड़ी से बड़ी चीज़ में बदलाव आता है इसलिए इस धरती पर कोई भी दो चीजे पूर्ण रूप से समान नहीं होती है।
चीज़े समान नहीं रहती है, बल्कि बदलती रहती है:-
हम अगर इंसानी जीवन की बात करे तो उसके जीवन में न तो दुःख और न ही सुख,धन,संपत्ति,समय,शरीर और रिलेशन कुछ भी समान नहीं रहती है ये सब चीज़ एक-दूसरे अलग से होते है और यह समय के साथ बदलते रहते है।
एक इंसान का अगर चेहरा खूबसूरत है तो उसको सबसे ज्यादा value मिलती है और दूसरी तरफ जिसका चेहरा कम सुंदर है उसको उसके बजाय कम value मिलती है लेकिन वो दोनों कभी भी स्थायी नहीं रहने वाले है।
जीवन और मृत्यु इंसान के जीवन का सबसे बड़ा सत्य है लेकिन यह दोनों समान रूप से एक नहीं होती है क्योकि जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो सभी बहुत ही खुश होते है लेकिन जब मौत आती है तो वो ही रो रहे होते है।
जब आप बचपन में थे तब आपको सिर्फ और सिर्फ खेल नजर आता था लेकिन जवानी में आपको अपना career नजर आ रहा होता है और बुढ़ापे में सिर्फ आप दुःख को महसूस कर रहे होते है।
इस धरती पर अगर हम अग्नि और जल की बात करते है तो आग का काम है जलाना और पानी का काम बुझाना होता है यह दोनों पारस्परिक तौर पर अपना-2 काम कर रही होती है लेकिन यह दोनों एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होती है।
इस तरह अगर एक तरफ़ नदी है और दूसरी तरफ समुंद्र है इन दोनों के अंदर होता तो जल ही है लेकिन इन दोनों की shape पूरी तरह से अलग होती है ये समान नहीं होते है।
इस दुनिया की अगर आप कोई भी चीज़ को अच्छे से देखते हो तो वो पूर्णता तो समान नहीं होती है लेकिन कुछ हद तक उनके अंदर समानता देखने को मिल जाती है।
किसी भी दो चीज़ को देखने पर वो हमको एक नजर आ सकती है लेकिन उनको अलग करने वाली बहुत सी चीज़े हमको उनके ही अंदर देखने को मिल जाती है।
अगर इस दुनिया में कोई भी इंसान बुद्धिमान है तो वो अपने mind का उपयोग कभी भी एक रूप में नहीं कर सकता है जैसे अगर किसी काम में वो अपनी performance अच्छे से दे देगा और किसी में उसके बजाय वो कम अच्छे से कर पायेगा।
हर एक चीज़ हर समय पर एक रूप में नहीं होती है वो बदलती रहती है और यह रूपांतरण समय के साथ होता ही रहता है और इस दुनिया की हर एक चीज़ जिसमे ये रूपांतरण हो रहा होता है यह कभी भी एक रूप में नहीं होता है।
इस धरती पर जितनी भी चीज़े है वो चाहे किसी भी रूप में क्यों न हो उनका सभी का कार्य एक-दूसरे से अलग ही होता है वो हमको देखने में एक जैसी लग सकती है लेकिन वो अपने काम को एक अलग ही रूप दे रही होती है।
असमानता जीवन का हिस्सा है :-
आप चाहे कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले आप इस दुनिया में होने वाले बदलाव को रोक नहीं सकते हो और उसको कभी भी एक जैसा नहीं रख सकते हो उसमे परिवर्तन तो आने ही आने है।
असमानता प्रकृति का नियम है अगर आप गौर से देखते हो तो आपको नजर आता है कि दुनिया में हर एक चीज़ बदलाव के दौर से निकल रही होती है दुनियाभर की हर एक चीज़ बदलाव के साथ हमारे सामने खड़ी है।
हम अगर एक पेड़ को देखते है तो वहाँ पर सिर्फ वो एक पेड़ ही नहीं होता है उसमे बहुत सी चीज़े होती है एक फल जो होता है उसका एक अलग काम होता है और उसी पेड़ में हमको बहुत से पते नजर आते है जो अपना अलग कार्य निभा रहे होते है।
ये जो सभी चीज़ो में असमानता होती है ये अपने आप ही होने वाली चीज़ है ये सभी असमानता बदलाव के अनुसार जीवन की आवश्यकता और कर्तव्य को भी बदलते है।
हमको चाहे यह नजर न आती हो लेकिन इस दुनिया की हर एक चीज़ अलग-अलग रूप में खुद को परिभाषित करती है जो की हम अपने आस-पास भी देख रहे होते है।
हम अगर इंसान की बात करते है तो हम उनके अंदर देखते है कि हर इंसान के बात करने का ढंग,उसके देखने की नजर,बोलने का तरीका क्या कभी दो लोगो का एक होता है उनके अंदर ये सभी चीज़े हमको अलग-अलग दिखाई देती है।
हमारे आस-पास में जब भी दो जानवर को देखते है उनके अंदर हमको बहुत ही कम कुछ देखने को मिलता है जो की उनके अंदर common हो. उन दोनों के अंदर हमको असामनता ही ज्यादा देखने को मिलती है।
जिंदगी में हर चीज़ परिवर्तनशील है:-
इस दुनिया में हर एक चीज़ जो अपना अस्तित्व रखती है वो हमेशा समय के साथ बदल रही है क्योकि समय के साथ-साथ हर एक चीज़ में बदलाव रहा है वातावरण बदल रहा है दिन और रात भी होते है लेकिन हर एक चीज़ो में बदलाव आ रहा है।
अगर हम एक पेड़ के पत्ते को देखते है तो वो एक समय पर पेड़ पर जब लगा होता है तो हरा होता है लेकिन समय के साथ-साथ वो ही पत्ता मुरझाकर नीचे गिर जाता है और वो मिट्ठी बन जाता है अब वो पत्ता असल में पत्ता बनने से पहले भी मिट्टी ही था और बाद में भी वो मिट्टी ही बन गया।
अगर हम इस पूरी process को देखे तो हमको साफ तौर पर नजर आ रहा होता है कि हर समय पर हर चीज़ बदल रही है वो मिट्टी भी बदल रही है तो नया रूप लेकर बदल रही है।
परिवर्तन प्रकति का एक नियम है इस संसार में कुछ भी अपरिवर्तनशील नहीं है और यह जो परिवर्तन का नियम है यह हर एक चीज़ पर लागु होता है क्योकि ये हर एक चीज़ के अंदर समाहित होता है।
कभी भी चीज़ का जीवन एक सा नही रहता है इस दुनिया की हर चीज़ में उतार-चढ़ाव आते है और वो ही जीवन का एक परम सत्य होता है।
चीज़ो में असमानता होना परम आवश्यक है क्योकि सभी चीज़े अगर एक ही कार्य को दर्शाने लग जाती तो शायद यह प्रकृति का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता हैं ।