रूठना, मनाना तो ज़िन्दगी में चलता रहता है लेकिन अगर कोई ज़्यादा समय से रूठा हो तो ये गलत है. इसीलिए हम आपके लिए लाये है एक ऐसी कहानी जिसकी मदद से आप ये समझ सकते है कि क्यों हम नाराज़ होते है अपनी इन नादान हरकतों की वजह से।
जब भी जीवन में किसी से नाराजगी हो तो इस बात को याद रखना।
ये कहानी है एक छोटी सी बच्ची की जिसको की बहुत ही ज्यादा गुस्सा आता था, बात-बात पर गुस्सा आता था, जब भी उसको गुस्सा आता था तो वो ये नहीं देखती थी कि उसके सामने कौन है,और जो उसके मन में आता था वो, वो ही बोल देती थी, कई-कई बार तो वो चीज़ो को उठाती और जमीन पर फेंक करके तोड़ देती थी।
उसके माता-पिता उससे बहुत परेशान हो गए थे,वो थक गए थे उसको समझाकर, अलग-अलग तरीके से लेकिन वो बच्ची समझ ही नहीं रही थी।
एक दिन उसकी माँ ने उसकी teacher से बात की, उस teacher ने उसकी माँ की सारी बातो को सुना और उन्होंने कहाँ कि आप चिंता मत करो आने वाले समय में इस बच्ची का गुस्सा पूरी तरह से शांत हो जाएगा, क्योकि वो बच्ची सिर्फ अपनी उस teacher की ही बात को मानती थी।
एक दिन हमेशा की तरह वो teacher class में आयी और बोली कि आज हम पढ़ाई नहीं करेंगे, आज हम एक game खेलेंगे, वो बच्ची ये सुनकर बहुत खुश हो गयी, और उस teacher के साथ घर के पीछे एक दीवार के पास जाकर खड़ी हो गयी।
Teacher ने बच्ची से कहाँ की game ये है कि जब भी तुमको गुस्सा आये तो तुमको एक कील लेनी है और इस दीवार में गाड़ देनी है, उस बच्ची ने teacher से पूछा की इससे क्या होगा तो teacher बोली कि जब ये game खत्म हो जायेगा तो end में तुमको एक price मिलेगा।
उस बच्ची ने वैसा ही किया जैसा उसकी teacher ने उसको करने को बोला था, यानि कि जब भी उसको गुस्सा आता तो वो जाती और एक कील को उस दीवार में गाड़ देती थी।
एक ही दिन के अंदर उस बच्ची ने 10 से ज्यादा कीले गाड़ दी, लेकिन उन कीलो को गाड़ने के लिए उसको बार-बार घर के पीछे जाना पड़ता उसके लिए उसको बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी।
उस बच्ची ने सोचा कि जितनी मेहनत में इन कीलो को गाड़ने के लिए करती हूँ, उससे भी कम मेहनत मैं अपने गुस्से को को कम करने में भी कर सकती हूँ ।
अगले दिन 8 कीले गड़ी,फिर 6, फिर 4, और एक दिन एक भी कीले नहीं गड़ी, और वो बहुत खुश हो गयी,और अपनी teacher से जाकर बोली कि मैने आज एक भी कील नहीं गाड़ी और न ही मैने गुस्सा किया।
ये बात सुनकर उसकी teacher ने उसको थोड़ी शाबासी दी और बोली अभी ये game खत्म नहीं हुई है, teacher बोली जिस भी दिन तुमको बिल्कुल गुस्सा न आये तुमको एक कील यहाँ से निकालनी है।
कीले बहुत ज्यादा थी जिसकी वजह से उसको एक से भी अधिक महीना लग गया, एक दिन उसने सभी कीलो को निकाल दिया और उसी बात को सुनकर उसकी teacher से उस बच्ची को एक उसकी पसंद की chocolate gift कर दी और बोली की तुम ये game जीत गयी हो।
कुछ समय बाद उसकी teacher ने उस बच्ची को कहाँ कि क्या तुमको इस दीवार पर कुछ नजर आ रहा है, उसने कहाँ नहीं, ये तो पूरी तरह से साफ़ है, Teacher ने कहाँ एक बार अच्छे से देखो, उस बच्ची को वो कील के निशान नजर आये।
उस teacher ने कहाँ कि जैसे तुमने इन कील को यहाँ पर गाड़ा है तो तुम इन कील को तो निकाल सकती हो लेकिन उसके निशान को तुम कभी भी नहीं मिटा सकती हो, ठीक उसकी तरह से जब तुम किसी के ऊपर गुस्सा करती हो तो उनके दिल पर चोट लगती है, उनको दर्द होता है , वहाँ पर एक निशान रह ही जाता है।
उस निशान को तुम चाह कर भी नहीं मिटा सकते हो फिर चाहे जितना मर्जी तुम उनसे माफ़ी मांग लो, ये सुनकर वो बच्ची रोने लगी और भागकर अपनी माँ के पास गयी और बोली माँ मैं आज के बाद कभी गुस्सा नहीं करुँगी, मुझको सब समझ आ गया है, उस दिन के बाद से उस बच्ची ने कभी गुस्सा नहीं किया।
इस कहानी से हमको ये समझ आता है कि जाने-अनजाने हम किसी इंसान से उस हद तक नाराज हो जाते है जिसके बाद कुछ भी बाकि ही नहीं रहता है और वहाँ पर कोई कोशिश भी होती है तो दिल में एक निशान तो हमेशा के लिए बन ही जाता है जो चाहकर भी कभी खत्म नहीं किया जा सकता है।
दो लोगो के रिश्ते में अगर नाराजगी लंबे समय तक होती है तो समय के साथ वहाँ पर दूरियां भी बढ़ने लगती है, दो लोगो का रिश्ता उस धागे के समान होता है जो अगर एक बार टूट जाता है तो उसको वापस से जोड़ तो सकते है लेकिन उसमे एक गांठ रह ही जाती है।
जब नाराजगी बढ़ती है तो दूरियां भी बढ़ती है :-
हमसे कोई खता हो जाए तो माफ़ करना
हम याद न कर पाएं तो माफ़ करना
दिल से तो हम आपको कभी भूलते नहीं
पर ये दिल रुक जाए तो माफ़ करना।
एक स्वस्थ रिलेश्नशिप में होना कितना सुखद एहसास होता है ये केवल वो ही जान सकते है, जो खुद एक अच्छे और समझदारी भरे रिश्ते में होंते है,पर यही रिश्ता उस समय बोझ बन जाता है जब इसमें कड़वाहट आ जाती है।
एक समय पर रिश्तो की पूरी मिठास ही गायब हो जाती है, कई लोग मानते हैं कि कोई भी रिश्ता एक समय के बाद बोरिंग हो ही जाता है और उसमें कुछ भी ऐसा नहीं रह जाता है जो रोमांचक होता हो।
दरियों का ग़म नहीं,
अगर फ़ासले दिल में न हो,
नज़दीकियां बेकार है,
अगर जगह दिल में ना हो।
इस दुनिया में हर इंसान के जीवन में कुछ ही गिने-चुने लोग होते है जिससे वो बहुत ज्यादा प्यार करता है और उनके करीब रहता है।
एक इंसान के जीवन में सबसे जरुरी रिलेशनशिप होता है क्योकि असल ख़ुशी तो हमको वही पर मिलती है, जब आप किसी अपने के साथ होते हो तो आपका time बहुत ही तेजी से निकल रहा होता है, आपको और किसी भी चीज़ की परवाह तक नहीं होती है।
आपके जीवन में अगर आपके अपने ही आपके नाराज है या फिर आप उनसे नाराज है तो आप life में खुश कैसे रह सकते है, फिर चाहे आप कितने भी successful क्यों न हो लेकिन real connection आपका कही न कही miss होता है।
इस दुनिया में हर इंसान के रिलेशनशिप में उतार-चढ़ाव आते ही रहते है, वहाँ पर कुछ समय के लिए तो नाराजगी होती है लेकिन हमेशा के लिए नाराजगी नहीं होनी चाहिए।
नाराजगी कुछ समय के लिए तो होनी भी चाहिए क्योकि उसके बाद एक रिश्ते में प्यार और भी ज्यादा बढ़ता है,लेकिन बहुत ज्यादा वक्त तक नाराज़ रहने के लिए ये ज़िन्दगी बहुत छोटी होती है।
“तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी ना रहेगी
तुम्हारे बिना चिरागो में रौशनी न रहेगी
क्या कहे क्या गुज़रेगी इस दिल पर,
ज़िंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी ना रहेगी “