Power of Belief In Hindi
Life में किसी भी relationship की शुरुआत के लिए कुछ सीमा तक उसमें believe होना अत्यंत आवश्यक है। जैसे-जैसे हम सामने वाले व्यक्ति को जानना शुरू करते हैं, उसके व्यवहार और स्वभाव को समझने लगते हैं, वैसे-वैसे उस व्यक्ति के प्रति हमारा विश्वास और मजबूत होने लगता है।
समय के साथ-साथ कई बार हमें उस विश्वास को परीक्षा की कसौटी पर भी उतारना पड़ता है। परंतु जब इसमें सफलता मिलती है तो यह और अधिक पक्का होता चला जाता है। जिस इंसान के प्रति हमारा विश्वास है उसके लिए हमारी अपेक्षाएं हमेशा clear होनी चाहिए।
परंतु अगर किसी reason से आपसी विश्वास में कमी आती है या वह टूटने लगता है तो हम उस relation को ही खत्म करने के बारे में सोचने लग जाते है, जो कि एक बहुत ही गलत thinking होती है। बजाय उस relation को समाप्त करने के, हमें उन कारणों का पता लगाना चाहिए जिनकी वजह से वह विश्वास कमजोर हो रहा है। जब हम reason ढ़ूढ़ने लगते है तो उसका हमारे believe के साथ actual में कोई connection नहीं होता है।
उस व्यक्ति के कार्य या उस हरकत को कुछ देर के लिए नजरअंदाज करने के बाद यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि उस व्यक्ति की intend क्या रही होगी? आखिर उसने किन परिस्थितियों के आवेग में आकर उस मजबूत विश्वास को तोड़ने का कार्य किया।
ऐसा करने से आपको सामने वाले के अंदर क्या चल रहा होता है उसका भी आपको अंदाजा होगा और आप single side निर्णय लेने से बचेंगे। क्योंकि एकतरफा निर्णय हमेशा नुकसानदेह ही साबित होता है। इससे ना सिर्फ आपको बल्कि सामने वाले व्यक्ति को भी परेशानी या suffering पहुंच सकती है।
जितना कोई व्यक्ति खुद पर विश्वास करता है, अगर हम सामने वाले पर उससे भी ज्यादा विश्वास करेंगे तो वह ज्यादा proud महसूस करेंगे और रिश्ते के लिए अपना समर्पण और बढ़ा देंगे। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम दूसरों में सुधार की गुंजाइश को हमेशा बल दें। अगर उनसे कोई गलती होती भी है तो भी हम उन्हें उस भूल को सुधारने का एक अवसर जरूर दे।
हम अक्सर विश्वास की बात तो करते है कि विश्वास में बहुत ही शक्ति होती है और विश्वास एक ऐसी ताकत है जिससे उजड़ी हुई दुनिया के अंधकार को मिटाया जा सकता है लेकिन कभी हमने ये जानने की कोशिश की, कि actual में ये विश्वास होता क्या है ?
विश्वास क्या होता है ?
विश्वास तो इंसान का एक स्वभाव है। जो की बनते बनते बन जाता है, विश्वास कभी भी एक दिन में नहीं बनता है क्योकि ये संस्कार है। लेकिन दूसरी तरफ अगर हम बात करे स्वभाव की तो वो कभी भी बनाया नहीं जाता है।
वह तो महसूस किया जाता है, वह अनुभव किया जाता है और यह अंदर से आता है ना कि लाया जाता है।
तो विश्वास ऐसी चीज होती है जो अंदर से प्रकट होता है ना कि विश्वास दिलाया जाता है।विश्वास अगर होता है तो पूरा होता है यह नहीं कि थोड़ा तो विश्वास है।
विश्वास कैसे बनाते है ?
अगर हम बात करे तो खुद पर विश्वास करना कठिन होता है, especially तब जब आपको लगता हो कि आपके पास देने के लिए कुछ नहीं है या व्यर्थ की चीजें हैं। पर आप वो देने में समर्थ हैं।
यदि आप को स्वयं के बारे में specific चीजें देखने में परेशानी हो रही है, तो ऐसी कुछ साधारण चीजें है जिन्हे करके आप स्वयं पर विश्वास करना शुरू कर सकते हैं। आप ऐसी चीजों को याद कर सकतें है जो आपने पूरी की है और लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं, आप नए दोस्त बना सकते हैं और अपने हुनर को उपयोग करने के मौके तलाश सकते है, या आप अपना ज्यादा ध्यान रख कर भी अपने आत्मविश्वास कर निर्माण कर सकते हैं।
एक इंसान के विश्वास के लिए कुछ ऐसी बातें जिनको अपनाकर वो अपने विश्वास को और भी पक्का कर सकता है।
- सबसे पहले ऐसे ऐसा कारण तलाशें जिसमे आप विश्वास करते हों :- अगर आप हमेशा दूसरों को खुश करने की कोशिश करते रहते हैं तो खुद में विश्वास करना कठिन हो सकता है। क्योकि आप किसी को सिर्फ एक level तक ही खुश रख सकते है।
सुनिश्चित करें कि आप ऐसे कारणों और परियोजनाओं को तलाशते रहें जो आपको आकर्षित करते हों और जिनमे आप सचमुच विश्वास करते हैं। इन कारणों और परियोजनाओं के प्रति आपका जूनून आपको ज्यादा कठिन परिश्रम करने और यह पता लगाने में सहायता करेगा कि आप कितना कुछ हासिल कर सकते हैं।
- Self realization जरूर करे :- हर दिन के अंत में आत्म-चिंतन करें, आत्म-चिंतन आत्म-सुधार का एक महत्वपूर्ण part है। इससे आपको समझने में सहायता मिलेगी की क्या आप बिलकुल ठीक कर रहे हैं और किन चीजों में सुधार की आवश्यकता है।
हर दिन के अंत में अपने अनुभवों पर आत्म-चिंतन करने का समय निकालें। अगर किसी दिन आप उम्मीद के अनुसार लक्ष्य की ओर नहीं भी बढ़ पाते तो आप उस परिस्थिति से हर संभव बात सीखने को प्रयास करेंगे ताकि आप अपनी गलतियों को दोहराने से बच सकें।
अगर आप प्लान की हुई जगह पर जाने के लिए सुबह नहीं जाग पाये, तो आप सीख सकते कि सुबह जल्दी उठने के लिए आप प्रेरित होने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं
3. लोगों को कनेक्ट करें (Connect the people ) :- अगर आप पाते हैं कि लोग लगातार आपके पास सलाह मांगने आते हैं, पर जब आप नाखुश होते है तब शायद ही कोई खुद के बारें में बात करने के लिए आपके पास होता है, इस मामले में हो सकता है कि आप अपने मित्रों के समूह में पालक की भूमिका निभाने आये हैं।
दूसरो की मदद करने में कुछ भी गलत नहीं है, पर खुद का ध्यान रखना भी जरूरी है। वास्तव में कई बार हम दूसरों की खुद से भी ज्यादा मदद करते हैं क्योंकि हमें ऐसा करनी की आदत पड़ चुकी है। सोचिये कि क्यों आपमें दूसरों की मदद करने की प्रवत्ति है और इसका आप पर क्या प्रभाव है।
- धैर्य रखें ( Patience) :- यदि आप सीखना चाहते हैं कि आत्मविश्वास कैसे बनाएं और एक व्यक्ति के रूप में आगे कैसे बढ़ें, तो अपने आप को kind होने से शुरू करें। धैर्य रखने के लिए याद रखें।आप नकारात्मक विचारों को खत्म करने जा रहे हैं। जितना अधिक आप इन विश्वास-निर्माण तकनीकों का अभ्यास करेंगे उतना ही बेहतर होगा।
- अपने आप को दूसरों से तुलना न करें :- स्वीकार करें कि आप सही नहीं हैं। गलतियां सबसे होती हैं। हर किसी के पास त्रुटियां हैं क्योंकि कोई भी सही नहीं है। जिस तरह से आप झटके से निपटते हैं और आप कैसे स्वीकार करते हैं और अपने आप को इस तरह के सही पहलुओं को गले लगाते हैं, आपको बेहतर इंसान बनाते हैं!
यदि आप लगातार चीजों के बारे में खुद को हराते हैं, तो केवल नकारात्मकों पर ध्यान केंद्रित करें, और उस क्षेत्र में जो आप अपने बारे में पसंद नहीं करते हैं, आपको हमेशा आत्मविश्वास की कमी होती है और अनिश्चित महसूस होता है। अपने आप को बेहतर बनाने और उन चीजों को स्वीकार करने के लिए काम करें जिन्हें आप नहीं बदल सकते हैं।
- बोलने का अभ्यास करें:- जब आपके आसपास घटनाएं रहीं हों, और आपका एक मत हो या कोई काम करने का बेहतर तरीका जानते हों, बोलिए। बस चीजें जैसी हैं उन्हें उसी रूप में स्वीकार मत करिये। स्थिति में सक्रिय भागीदारी कीजिये।
यह दूसरों को दिखाता है कि आप उनके सामने नियंत्रण अपने हाँथ में लेने और उनके सामने अपनी जरूरतें या इच्छाएं व्यक्त करने में सक्षम हैं। यह आपको ऐसे लोगों के संपर्क में आने में भी सहायता करता है जिनकी आकांक्षाएं और चिंताएं आपके समान हैं।
ये सभी चीजें आपको अपने वातावरण में अधिक सहज बनाने के लिए आवश्यक हैं, शोध दिखाता है कि यह अपनी जरूरतों और इच्छाओं पर प्रतिक्रिया करने की अपनी क्षमता में विश्वास को विकसित करने के लिए एक आवश्यक कदम है।
निष्कर्ष :-
इस post में हमने जाना है कि आत्मविश्वास कैसे बनाया जाए तो ये कुछ तरीके एक परिपूर्ण शुरुआत हैं। धीरे-धीरे शुरू करना याद रखें, अपना समय लें, और हमेशा अभ्यास करें।
यदि आप अपने आत्मविश्वास से संघर्ष करते हैं, तो जीवन negative करना विशेष रूप से कठिन हो सकता है। विश्वास बनाने के लिए ये कुछ तरीके आपके परिप्रेक्ष्य को बदलते हैं। इसलिए विश्वास एक ऐसी ताकत है जिससे उजड़ी हुई दुनिया के अंधकार को मिटाया जा सकता है
हम सभी से कभी न कभी गलतियां होती हैं ; कभी कभी हम गलत चीजें करते हैं , ऐसी चीजें जिनके परिणाम बुरे होते हैं. पर इसका ये मतलब नहीं है कि हम बुरे हैं , या इसके बाद हम पर कभी भी विश्वास नहीं किया जा सकता है।